जंगल का शैतान (Jungle Ka Shaitan)

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जंगल का शैतान (Jungle Ka Shaitan) Horror Story: यह डरावनी कहानी है एक ऐसी शहरी लड़की के बारे में है जो शहर से दूर एक गाँव में अपने छोटे घर में समय बिताती है जहाँ उसका सामना एक भयानक चीज़ से हो जाता है।

मेरा नाम मेगडा है और मैं 26 साल की हूँ। मैं शहर में एक ऑफिस में काम करती हूँ। छुट्टियों में, मुझे शहर की भीड़भाड़ से दूर किसी गाँव में समय बिताना बहुत पसंद है। एक छोटे से गाँव में मेरा घर (एक छोटी झोपड़ी) है जो कि जंगल के बिलकुल किनारे पर बसा हुआ है, पर एक हादसे के बाद मैंने उस गाँव में जाना छोड़ दिया।

मैं काम से बहुत थक गई थी। मुझे आराम की सख्त जरूरत थी, इसलिए मैंने शहर से बाहर जाने की सोची। मैं अपने घर गई, अपना सामान पैक किया और अपनी कार से गाँव की तरफ निकल गई। जब मैं गाँव पहूँची तब शाम हो चुकी थी और मैं लॉन्ग ड्राइव की वजह से काफी थक गई थी। मैं सीधे बिस्तर पर गई और सो गई।

आधी रात को, मेरे कार के अलार्म के बजने के कारण मेरी नींद खुली। मैंने खिड़की से बाहर की ओर देखा, पर वहाँ कोई भी नहीं दिख रहा था। मैंने अपनी कार की चाबी ढूँढी और अलार्म को बंद किया। जब वह तेज अलार्म बंद हुआ तो मैं फिर से बेड पर लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी। थोड़ी देर बाद फिर से अलार्म बजने लगा। मैंने सोते हुए अलार्म को बंद कर दिया। सब कुछ एकदम शांत था। चारों तरफ खामोशी थी।

कुछ 5 मिनट बाद, अलार्म तीसरी बार बजा।

एक या दो बार तो फिर भी चलता है पर बार-बार अब मैं जानना चाहती थी कि क्या हो रहा है? ऐसा तो नहीं कि कोई मेरे साथ मजाक कर रहा हो। पर इस समय इतनी रात को। मैं पर्दे के पास खड़ी होकर देखने लगी।

थोड़े समय बाद, मैंने चाँद की रोशनी में किसी को झाड़ियों से मेरी कार की ओर आते हुए देखा। वह जो कोई भी था वह काफी लंबा, पतला और काले रंग का था।

वह कार के पास आया और उसने अपने लंबे और पतले हाथों से कार को नोक किया। फिर से अलार्म बजा, पर वह काली आकृति तेजी से वापस झाड़ियों में चली गई।

उस वक्त मैं जान चुकी थी कि क्या हो रहा है? मैं डर से काँप रही थी। मैं अलार्म को बंद कर उस चीज पर नजर रखने लगी। वह चीज झाड़ियों से बाहर आई और धीरे-धीरे मेरे घर के गेट के पास बढ़ने लगी। अपने एक हाथ से उसने गेट के लॉक को खोला। मैं इतना डर गई थी कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी। मेरे दिमाग में कई तरह के बुरे विचार आ रहे थे।

वो क्या है? वह मुझसे क्या चाहता है? वह क्या कर रहा है? क्या वह यहां से कभी जाएगा भी?

मेरे शरीर में, सिर से लेकर के पांव तक कपकपी छूट गई थी। मेरा गला सूखा था और मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था। मैं बहुत ही भयभीत थी और डर के मारे मेरे दांत किटकिटा रहे थे।

मैंने खुद पर काबू पाया और मैं उतनी तेजी से नीचे चली गई जितनी तेजी से मैं जा सकती थी। मैं बस लाइट्स ऑन करने ही वाली थी कि तभी मेरे पैर जम गये।

वो काली आकृति खिड़की के यहाँ खड़ी थी। वह खिड़की से अंदर की ओर देख रहा था कि कोई अंदर है या नहीं। मैं जल्दी से अपने सोफे के पीछे छुप कर देखने लगी। तब मुझे समझ आया कि कार के साथ छेड़छाड़ करना केवल उसका अपने शिकार को बाहर लाने का तरीका था।

मैं उसके डरावने चेहरे से अपनी आंखों को हटा नहीं पा रही थी। उसकी चमड़ी राख की तरह थी। जिस पर सिलवटें पड़ी हुई थी। उसकी आंखें छोटी और पूरी तरह से काली थी। उसकी नाक की जगह पर दो बड़े-बड़े गड्ढे थे। उसके चेहरे पर होठों की जगह बड़े-बड़े पेने दांतो की दो लाइनें थी। उसकी साँस बहुत भारी और डरावनी थी जो कि खिड़की पर भाप की तरह साफ नजर आ रही थी।

मैं जानती थी कि वह जाने वाला नहीं है। खिड़की के पास थोड़ी देर तक खड़े रहने के बाद मुझे उसकी फ्रंट डोर को खोलने की आवाज आई। मैंने देखा कि वह दरवाजे के हैंडल को खोलने की कोशिश कर रहा था और उसके बाद उस जानवर ने एक तेज आवाज निकाली। वह आवाज किसी इंसान की तो नहीं हो सकती थी। वह आवाज ऐसी थी कि मानो कोई पागल कुत्ता हड्डी को चबा रहा हो, गहरी तथा भयंकर जानवर के गुर्राने की आवाज थी उसकी।

मैं जानती थी कि यदि इसने मुझे देख लिया, तो यह कुछ भी कर अंदर आ जाएगा। मैंने अपने आपको सोफे के पीछे छिपाया। मैं सोफे की परछाइयों में छिपना चाहती थी और बिल्कुल भी आवाज नहीं करना चाहती थी। मेरी आँखों से आंसू बह रहे थे। मैं अपनी नसों की आवाज सुन पा रही थी। मैं बस मरने ही वाली थी।

मुझे नहीं पता मैं कितनी देर तक वहाँ छिपी रही। जब मैं उठी तो मैंने दरवाजे की तरफ देखा। वह जानवर जा चुका था। दरवाजा अपनी जगह पर था और सब कुछ सेफ लग रहा था। मैं सीढ़ियों से ऊपर की तरफ गई और मैंने खिड़की से बाहर की ओर देखा। बाहर रोशनी थी, वहाँ पर किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं था।

मैंने इस मौके का फायदा उठाया और अपनी चाबियाँ उठा ली। मैंने अपना सामान भी नहीं लिया। मैं कार की तरफ भागी। मैं कार में गई और दरवाजे को बंद कर,  जितनी तेजी से हो सके उस गाँव से बाहर निकल गई। मैं तब तक गाड़ी चलाती रही जब तक मैं अपने शहर ना पहुँच गई।

जब मैं अपने अपार्टमेंट में पहुंची तो मैंने रेडियो ऑन किया और मैं एक न्यूज़ सुनने लगी। अनाउंसर ने कहा कि गाँव से दो लड़कियों की लाशें मिल गई है। उनका शरीर बुरी तरह से कटा फटा पड़ा हुआ दलदल में पड़ा था।

मुझे मालूम है कि जो वो जानवर चाहता था वह उसे मिल गया….

So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।


दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “जंगल का शैतान (Jungle Ka Shaitan) Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग www.HorrorStoryHindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube ChannelCreepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।

धन्यवाद!

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