Chudail Real Horror Stories in Hindi [काली चुड़ैल, खेत में चुड़ैल] दो चुड़ैलों की सच्ची डरावनी कहानियाँ जिन्हें सुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है। पहली कहानी एक बरगद के पेड़ की काली चुड़ैल की है और दूसरी एक शराब की प्यासी चुड़ैल की।
काली चुड़ैल (Kali Chudail)
यह कहानी हमारे गाँव की काली चुड़ैल के बारे में है। गाँव के लोगों का कहना है कि वह जंगल के किनारे पर बने बरगद के पेड़ पर रहती है और वहाँ से गाँव के बच्चों को देखती रहती है और जो बच्चा उसे पसंद आता है, वो उस बच्चे को अपना शिकार बनाने के लिए तैयार रहती है।
पर वो चुड़ैल इस गाँव में नहीं आ सकती क्योंकि हमारे गाँव में हनुमान जी का मंदिर है और उसे गाँव के बाहर उस बरगद के पेड़ पर बाँध रखा है।
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इसलिये वो चुड़ैल किसी बच्चे का उस के पेड़ तक आने का इंतज़ार करती है और फिर उसे अपने वश में करके मार कर खा जाती है। ऐसा गांव के सभी लोग बोलते है इसलिए इस गाँव का कोई भी बच्चा जंगल के किनारे पर खड़े उस बड़े से बरगद के पेड़ के पास नहीं जाता है।
यह सब बातें, सोनू शहर से आये अपनी मौसी के लड़के पिंटू से कह रहा था।
पिंटू शहर का था और उसे इन सब बातों पर विश्वास नहीं था और वैसे भी ये बच्चें थे 10 से 12 वर्ष की उम्र के।
पिंटू उनसे बोला “हाहाहा…. यह सब झूठ है दोस्तों गांव के लोग आपको झूठ बोलते है।”
तो सोनू उससे बोला “नहीं यह सब सच है और हम रात में, तुम्हें उस चुड़ैल की आवाज सुना सकते है।”
तो पिंटू बोला चलो ठीक है। आज शाम हम सभी इसी जगह मिलेंगे और फिर सब मिलकर उस चुड़ैल की आवाज सुनेंगे।
ठीक शाम के साढ़े 6 बजे सभी बच्चे, पिंटू और सोनू सहित उसी जगह पर इकट्ठे हो गये।
तब सोनू उनसे बोला “हमें उस चुड़ैल की आवाज यहाँ सुनाई नहीं देगी। हमें इसके लिए उस पुराने खंडहर के अंदर जाना होगा जो गाँव के सबसे आखिरी में है।”
सभी बच्चें उस जगह गये और सब वहाँ जाकर उस चुड़ैल की आवाज़ सुनने लगे। पर उनमें से किसी को भी उसकी आवाज सुनाई नहीं दी।
तब पिंटू बोला “मैंने तो पहले ही कहा था कि गाँव वाले बस बच्चों को डराने के लिए उस चुड़ैल की कहानी बताते है।”
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सभी बच्चों बोले कि नहीं ऐसा नहीं है, रोज़ वो चुड़ैल रात में हँसती है और सभी से बोलती है कि मेरे पास आओ, मैं भूखी हूँ।
ऐसा कहकर सब बच्चें उस जगह से जाने लगे और पिंटू भी उनके साथ-साथ उनका मजाक उड़ाते हुवे जा रहा था।
सब बच्चें आगे थे और पिंटू उनके पीछे-पीछे चल रहा था। थोड़ी ही दूर गया होगा कि तभी उसे किसी के हँसने की आवाज आई और किसी ने कहा “हाहाहा… मेरे पास आओ पिंटू, मैं भूखी हूँ।”
पिंटू यह सुनकर डर गया और काँपने लगा। उसके मुँह से आवाज नहीं निकल रही थी पर किसी तरह उसने अपने भाई सोनू को आवाज लगाई। तो सोनू और बाकी के सभी बच्चें उसके पास दौड़कर आये और बोले “अरे! तुझे क्या हो गया है? तू काँप क्यों रहा है?”
वो बोला कि मैंने अभी किसी को मेरा नाम लेते हुवे सुना है। क्या तुम सभी ने भी सुना था। सब बच्चें बोले “नहीं हमने तो कुछ भी नहीं सुना।”
सभी बच्चें बोले कि हमने तो तुझे पहले ही कहा था कि वो चुड़ैल की कहानी सच्ची है। सबने उसे उठाया और उससे कहा कि चल अब चलते है। कहीं वो चुड़ैल हमें देख न ले।
सब बच्चें अपने-अपने घर लौट जाते है और पिंटू और सोनू भी अपने घर लौट आते है।
सब कुछ सहीं था। दोनों बच्चों ने खाना खाया और दोनों फिर सोने को चले गये।
पर इधर पिंटू की हालत ख़राब हो गई थी। उसे नींद ही नहीं आ रही थी। थोड़ी देर बाद उसे किसी की आवाज सुनाई दी। वो जो कोई भी थी उसे बाहर बुला रही थी।
पिंटू को बहुत डर लग रहा था पर पता नहीं क्यों वो उस आवाज की तरफ खींचा चला जा रहा था। वो घर से बाहर निकला और उसने देखा कि सामने एक काले कपड़े पहने एक औरत उसकी और अपनी पीठ किये खड़ी थी। वो औरत मन में कुछ गुनगुना रही थी।
आसपास का माहौल भी काफी खौफनाक था। चारों तरफ कोहरा छा रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे कि पूरा गाँव कोहरे में डूब गया था। ठण्ड बिलकुल ऐसी थी कि जैसे नंगे जिस्म पर कोई सुई की नोक चुबा रहा हो। आसपास के माहौल में ऐसी आवाजें आ रही थी कि जैसे कई सारे डरावने जानवर आसपास हो, पर कोई दिख नहीं रहा हो। इतने भीषण और खून को जमा देने वाले वातावरण में अच्छे-अच्छे सूरमाओं की हालत ख़राब हो जाये तो ये तो फिर भी, एक छोटा बच्चा था।
वो काले कपडे वाली औरत धीरे-धीरे जाने लगी और उसके पीछे-पीछे पिंटू भी जा रहा था। वो अपने वश में नहीं था और उस चुड़ैल के साथ-साथ बस गॉँव से होकर उस चुड़ैल के बरगद वाले पेड़ तक जाये जा रहा था।
थोड़ी देर बाद, वो उस बरगद के पेड़ के पास खड़ा था। उसे होश आया और उसने देखा कि वो अपने घर में न होकर एक बड़े से बरगद के पेड़ के पास खड़ा था।
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वो डर गया और चिल्लाने लगा। “मैं यहाँ कैसे आ गया?”
“मम्मी….. पापा……..आप कहाँ हो? मुझे यहाँ डर लग रहा है।”
हाहाहा……… कोई फायदा नहीं। (आसपास किसी के जोर से चिल्लाने और हंसने की आवाजें आने लगी।)
पिंटू की हालत काफी ख़राब हो चुकी थी। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। वो डर के मारे इधर-उधर देख रहा था। तभी उसने देखा कि उस बरगद के पेड़ पर एक काले रंग की शाल ओढ़ें एक बुढ़ी औरत खड़ी थी।
वो औरत दिखने में काफी भयानक थी और उसके हाथ में कुल्हाड़ी भी थी। जिसे वो अपने एक हाथ में लेकर उसकी ओर देख रही थी और हँस रही थी।
वो बोली “आज तो मैं पेट भर के खाऊँगी, गाँव में बहुत दिनों से कोई मेरा शिकार नहीं बना है।” हाहाहा हाहाहा…..
और हँसकर वो एक झटके में उसके सामने आकर खड़ी हो गई।
पिंटू ने उसकी भयानक शक्ल देखी और वो वहाँ से भाग ने लगा कि तभी उस चुड़ैल ने उसे पकड़ लिया और उसके चेहरे पर अपने बड़े-बड़े नाखून फेरने लगी। जिससे पिंटू के गाल पर एक नाखून से हल्का-सा कटने का निशान लग गया।
फिर धीरे-धीरे वो औरत अपनी कुल्हाड़ी को उसकी ओर बढ़ाने लगी और कुल्हाड़ी का एक जोर का वार उसपे दे मारा……… तभी पिंटू की आँख खुली। वो सपना देख रहा था।
थोड़ी देर तक तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसके साथ यह सब क्या हो रहा था। पर उसने सपना समझ कर सब भुला दिया। वो फ्रेश होने के लिए गया कि तभी चेहरा धोते वक्त उसे शीशे में अपने गाल पर एक नाखून के कट का निशान दिखा। वो समझ गया कि उसके सपने में कोई हकीकत जरूर थी। फिर उसी दिन वो और उसकी माँ अपने शहर लौट गये थे।
पर पिंटू के साथ जो कुछ हुआ वो एक सपना था या सच, ये पिंटू हमेशा याद रखने वाला था। वो बरगद का पेड़ आज भी वहीं है और वह चुड़ैल आज भी अपने शिकार का इंतज़ार कर रही है।
खेत में चुड़ैल (Khet Me Chudail)
यह दूसरी कहानी रामू की है जो काफी शराब पिया करता था। या यूँ कह लीजिये कि वो शराब पीने का आदी था। उसे उसके गाँव वाले काफी समझाते थे कि भाई! शराब मत पिया कर, पर जो आदमी अपने माँ बाप और बीवी की नहीं सुनता था वो भला किसी और की क्यूँ सुनेगा। गाँव के पास में एक और गाँव था जहाँ से वो अपने लिए शराब लाया करता था।
तो ऐसे ही, एक दिन की बात है। जब वह देर रात, शराब पीकर अपने घर लौट रहा था। उसके पास एक शराब की बोतल भी थी। जिसे भी वो उसी दिन पीने के लिए लाया था। उसने सोचा कि गाँव के आस पास पियूँगा तो सभी देखकर मेरा दिमाग खायेंगे।
तो उसने एक खेत के अंदर शराब पीने की सोची।
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थोड़ी देर बाद, वो एक खेत तक पहुँचा और शराब पीने लगा तो तभी उसे किसी के मक्का की फसल में से निकल कर आने की आवाज सुनाई दी। वो थोड़ा नशे में था। पर वो साफ तरीके से सुन पा रहा था कि वो आवाज उसके सामने वाली मक्का की फसल की क्यारी से आ रही थी।
वो सोचने लगा कि इतनी रात को कौन है? शायद इस खेत का किसान होगा। चलो, यहाँ से चलता हूँ, वरना वो तो मुझे यहाँ से भगा ही देगा। यहीं सोचकर वो उस जगह से जाने लगा पर इससे पहले की वो वहाँ से जा पाता। उसने देखा कि उस खेत में से एक भयानक-सी औरत आकर उसे देखनी लगी।
वो औरत बड़ी ही भयानक थी और उसकी ओर ही बढ़ रही थी। यह देखकर रामू वहाँ से तेजी भागा और वो औरत भी उसकी ओर भागने लगी
भागते-भागते रामू थोड़ी दूर आया और उसने देखा कि अब उसके पीछे कोई भी नहीं था। वो सोचने लगा कि आज कुछ ज़्यादा चढ़ गयी है। मैं भी ना। चलो, शुक्र है कि मेरी बोतल सही सलामत है। हाहाहाहा……. और वो हँसने लगा।
तभी उसे जोर की टॉयलेट लगी और वो एक पेड़ के पास आकर पेशाब करने लगा।
पेशाब करते-करते जब उसने अपना सर उपर घुमाया तो देखा कि वो औरत उस पेड़ पर बैठी थी और उसको बड़े ही डरावने तरीके से देख रही थी। और वो एक झपट्टे से उसके ऊपर कूद गयी।
वो जैसे ही उस पर कूदी, वो नीचे जा गिरा और चिल्लाने लगा। पर वो औरत उसके हाथ से उसकी शराब की बोतल छीन ली और शराब पीने के बाद अचानक से वहाँ से गायब हो गयी।
रामू यह देखकर वही बेहोश हो गया। सुबह जब उसे होश आया तो उसने देखा कि उसकी शराब की बोतल वही पड़ी थी। उस दिन से उसने कसम खाली की अब से शराब नहीं पियूँगा।
So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “Chudail Real Horror Stories in Hindi [काली चुड़ैल, खेत में चुड़ैल] Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग www.HorrorStoryHindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube Channel “Creepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।
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