बन्दर रूपी प्रेत (Bandar Rupi Pret)

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बन्दर रूपी प्रेत (Bandar Rupi Pret) Horror Story: यह कहानी अमित नाम के एक युवक की है, जो रोज़ाना शहर से अपने गांव लौटता है। एक रात उसे रास्ते में जंगल के पास कुछ भयानक अनुभव होता है, जिससे उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है।

*इस कहानी को पढ़ने की बजाय ऑडियो में सुने।

अमित एक साधारण सा युवक था। उसने अपने गांव से कुछ दूरी पर बसे एक छोटे से शहर में नौकरी पाई थी। वह अपनी साइकिल बेचकर कर्ज़ लेकर एक पुरानी मोटरसाइकिल खरीद चुका था, क्योंकि रोज़ाना गांव से शहर तक आने-जाने में काफी वक़्त लगता था। उसकी नौकरी मामूली थी, और आमदनी इतनी नहीं थी कि वह शहर में रह सके। इसलिए मजबूरन उसे रोज़ाना अपने गांव से शहर तक आना-जाना पड़ता था।

हर दिन की तरह उस दिन भी अमित अपने काम से देर रात को घर लौट रहा था। आसमान में हल्के बादल थे, और ठंडी हवा चल रही थी। घड़ी में रात के 11 बज रहे थे, और अमित के सामने एक लंबी, सुनसान सड़क थी। वह अपनी बाइक तेज़ चलाने की कोशिश कर रहा था ताकि जल्दी से गांव पहुंच जाए। उसके रास्ते में घना जंगल पड़ता था, जो शहर और गांव के बीच था। लोग कहते थे कि वह जंगल रहस्यमय था, लेकिन अमित ने कभी इन बातों पर विश्वास नहीं किया।

जब वह जंगल के पास पहुंचा तो उसने देखा कि उसके सामने एक बड़ा सा पेड़ था। उस पेड़ के ऊपर कोई अजीब सी चीज़ हिल रही थी। पहले तो उसने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे वह पेड़ के पास आया, उसे साफ-साफ दिखा कि पेड़ पर एक बंदर जैसा जीव बैठा है। उस जीव की शक्ल बहुत ही डरावनी थी – बड़ी-बड़ी लाल आँखें, लंबे नाखून और उसका चेहरा एक डरावने प्रेत की तरह था।

अमित का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। उसने अपनी बाइक की स्पीड बढ़ाने की कोशिश की, पर उसकी बाइक जैसे किसी अदृश्य शक्ति के काबू में आ गई थी। उसकी रफ़्तार कम होने लगी और तभी उस प्रेत रूपी बंदर ने पेड़ से कूदकर सड़क पर छलांग लगाई। अब वह ठीक अमित के सामने था। उसकी आँखों में भयानक चमक थी और उसके दाँत लंबे और नुकीले थे, जो अंधेरे में भी साफ़ दिखाई दे रहे थे।

अमित ने डर के मारे बाइक घुमाई और तेजी से भागने की कोशिश की। पर वो प्रेत रूपी बंदर उसके पीछे दौड़ पड़ा। उसकी दौड़ इतनी तेज़ थी कि जैसे किसी पिशाच की रफ़्तार हो। अमित ने अपनी बाइक की स्पीड बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उसकी बाइक बार-बार झटके खाने लगी, मानो इंजन बंद होने वाला हो। वह घबरा चुका था। उसे लग रहा था कि शायद आज वह इस जंगल से जिंदा नहीं बच पाएगा।

Bandar Rupi Pret

अचानक, उस प्रेत रूपी बंदर ने अमित के ठीक पीछे छलांग लगाई। उसकी आवाज़ इतनी भयानक थी कि अमित की रीढ़ की हड्डी में सिहरन दौड़ गई। अमित ने पूरी ताकत से बाइक की स्पीड बढ़ाई और जंगल का आखिरी हिस्सा पार किया। गांव की सीमा दिखाई दे रही थी, और उसके दिल में एक उम्मीद जगी कि अगर वह गांव तक पहुंच गया, तो शायद वह इस प्रेत से बच सकता है।

वह गांव की सड़क पर दाखिल हो चुका था, लेकिन उस बंदर रूपी प्रेत की परछाईं अब भी उसके पीछे थी। जैसे ही अमित अपने घर के करीब पहुंचा, उसकी बाइक अचानक बंद हो गई। उसने तेजी से बाइक को साइड में धकेला और घर की तरफ दौड़ पड़ा। पीछे से उस प्रेत रूपी बंदर की डरावनी चीखें सुनाई दे रही थीं, जैसे वह अमित को अपनी पकड़ में लेना चाहता हो।

अमित ने दरवाजा खोला और तेजी से घर के अंदर घुसकर दरवाजा बंद कर लिया। उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं और चेहरा पसीने से भीगा हुआ था। उसकी माँ ने उसकी हालत देखी और उसे पानी लाकर दिया। अमित ने कांपते हुए अपने पिता को सब कुछ बताया, लेकिन वे इस बात पर हँसने लगे।

“बेटा, ये सब तेरे वहम हैं। इस जंगल में ऐसा कुछ नहीं है,” उसके पिता ने कहा।

पर अमित को पता था कि वह जो देख चुका था, वह कोई सपना या वहम नहीं था। वह असलियत में उस प्रेत रूपी बंदर का सामना कर चुका था।

रात बीत गई, लेकिन अमित सो नहीं पाया। उसकी आँखों के सामने बार-बार वही भयानक चेहरा आ रहा था। अगले दिन जब वह काम पर जाने की तैयारी कर रहा था, तो उसे एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी। लेकिन वह हिम्मत जुटाकर फिर से शहर की ओर चल पड़ा।

इस बार दिन का उजाला था, और सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन अमित का दिल अब भी उस डरावनी घटना को याद करके कांप रहा था। उसने रास्ते में जंगल के पास फिर से नज़रें दौड़ाईं, लेकिन वहाँ अब कुछ नहीं था। पेड़ पर वह भयानक प्रेत रूपी बंदर भी नहीं था।

अमित ने खुद को समझाया कि शायद वह सब कुछ उसका वहम था, लेकिन दिल के किसी कोने में उसे अब भी डर सता रहा था।

कुछ दिन बीत गए, और वह रोज़ाना उस रास्ते से गुजरने लगा। अब सब कुछ सामान्य लगने लगा था, लेकिन उस रात की घटना उसके दिलो-दिमाग पर छाई रही। अमित ने फैसला किया कि वह अब शहर में ही रहने का कोई इंतजाम करेगा, ताकि उसे फिर से उस जंगल से नहीं गुजरना पड़े।

एक दिन जब वह अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठा था, तो उसने अपनी उस भयानक रात की घटना का ज़िक्र किया। उसके एक दोस्त, रोहित, ने कहा, “तू अकेला नहीं है जिसे ये प्रेत रूपी बंदर दिखाई दिया हो। कुछ साल पहले भी एक व्यक्ति इसी जंगल से गुजरा था और उसने भी इसी तरह का बंदर देखा था। वो भी डर के मारे गांव भागा था, और उस घटना के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। लोग कहते हैं कि वह बंदर असल में किसी आत्मा का वास है, जो हर पूर्णिमा की रात इस जंगल में दिखाई देता है।”

यह सुनकर अमित के रोंगटे खड़े हो गए। अब उसे यकीन हो गया था कि वह जो देख चुका था, वह हकीकत थी।

इसके बाद अमित ने उस रास्ते से कभी अकेले गुजरने का साहस नहीं किया। वह हमेशा अपने साथ किसी न किसी को ले जाता। और जब भी पूर्णिमा की रात होती, वह शहर में ही रात बिता देता, ताकि उसे उस बंदर रूपी प्रेत का फिर से सामना न करना पड़े।

अमित की ज़िन्दगी भले ही धीरे-धीरे सामान्य हो गई थी, लेकिन उस भयानक रात की यादें हमेशा उसके ज़ेहन में ताजा रहीं। लोग अब भी उस जंगल से गुजरते थे, लेकिन अब अमित की कहानी ने और भी लोगों के दिलों में उस बंदर रूपी प्रेत का खौफ भर दिया था।

So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।


दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “बन्दर रूपी प्रेत (Bandar Rupi Pret) Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग www.HorrorStoryHindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube ChannelCreepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।

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