पर मेरी मामीजी बोली कि रहने दे फालतू में तू डर जायेगा और रात को ढंग से सो भी नहीं पायेगा। पर मैं भी कहाँ मानने वाला था मैंने भी ज़िद पकड़ ली कि कहानी तो आपको सुनानी ही पड़ेगी।
मेरी ज़िद के आगे वो भी नतमस्तक थी। उन्होंने कहा कि इस गाँव में बहुत सी चुड़ैले रहती है, पर किसी को दिखती नहीं है।
मैं बीच मे ही बोल पड़ा कि जब किसी को वो दिखती नहीं है तो फ़िर कैसे पता की वो यहाँ रहती है?
मामीजी बोली कि हाँ किसी ने उन्हें देखा तो नहीं है पर फ़िर भी कुछ लोगो ने उन्हें महसूस किया जरूर है।
मैं बोला कि “क्या आपने उन्हें देखा या महसूस किया है?”
मामीजी – हा शायद । हहह हाहाहा…
मामीजी आप मुझसे मज़ाक मत करो अगर आपने देखा है तो बताओ, मैंने उनसे पूछा। उनका जवाब “नहीं!” में था।
मुझे उनसे कहानी सुननी थी पर उन्होंने मुझे कोई कहानी नहीं सुनाई।
मैं बाहर जाकर अपनी खाट पर लेट गया। मामा पहले से ही सो चुके थे। मैं भी सोने की कोशिश कर रहा था पर ना जाने क्यूँ मुझे नींद ही नहीं आ रही थी। मैं बस उन्हीं सब चीज़ो के बारे में सोच रहा था कि ना जाने कब मुझे नींद आ गयी।
मुझे सही से तो नहीं पता पर शायद आधी रात को मेरी नींद अचानक से किसी के पैरों की आवाज से खुली। उस समय मेरे मामाजी तो सो ही रहे थे। मैं आश्चर्य में था कि इतनी रात को कौन हो सकता है? पर मेरी इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं खाट से उठकर पीछे देखु कि कौन चला आ रहा है?
उस समय, मैं थोड़ा डरा हुआ भी था क्यूँकि उस रात मैं मामीजी से भूत-चुड़ैल की बातें कर रहा था। मैंने सोचा कि चुपचाप होकर देखता हुँ कि कौन है?
धीरे-धीरे वो आवाज बढ़ती जा रही थी। वो जो कोई भी था धीरे-धीरे मेरे पास आ रहा था।
मैंने देखा कि एक बुढ़ी-सी महिला थी जिसने काले रंग की साड़ी पहन रखी थी और वो झुककर चल रही थी। वो मुझसे अब थोड़ा आगे निकल गयी और एक जगह जाकर रुक गयी।
मैं अब भी उसे ही देख रहा था और सोच रहा था कि ये क्यूँ रुकी है?
कि तभी वह पीछे मुड़ी। जहाँ वह रुकी थी, वहाँ बल्ब की हल्की सी रौशनी पड़ रही थी। मैंने उसका चेहरा देखा और सच कहूँ तो मैं उसका चेहरा देख कर डर गया। उसकी नाक लम्बी थी और उसके चेहरे पर अजीब सी डरावनी हँसी थी। उसकी आँखे ऐसी लग रही थी जैसे वो मुझको ही देख रही है। मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और चुपचाप ऐसे दिखाने लगा जैसे मुझे कुछ भी नहीं पता हो।
थोड़ी देर बाद मेरे कानों में एक आवाज़ आयी, हहह..
तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता चला कि तू मुझे देख रहा है….
मैं एकदम से नींद से उठा, सुबह होने में अभी भी कुछ समय बाकी था।
मैं बोला, भगवान का लाख-लाख धन्यवाद है कि यह एक सपना था।
दोपहर के समय गाँव के ही एक घर में लोगो का जमावड़ा (भीड़) लगा था। सब लोग चिल्ला रहे थे कि इस पर चुड़ैल आयी है। मैं भी उनकी ही भीड़ में खड़ा था। सामने एक महिला पागलो की तरह हरकतें कर रही थी। सब लोग बोल रहे थे कि इसपे चुड़ैल का साया है। कोई कह रहा था कि रात को यह बाहर पेशाब करने गयी फिर लोटी ही नहीं, सुबह यह गाँव के आखिर में उगे बरगद के पेड़ पर बैठी थी और कुछ गाँव वाले इसे वहाँ से लेकर आये है।
वो सबको देख कर हँस रही थी। एक समय ऐसा भी आया, जब उसने मेरी तरफ देखा और हँसते हुवे बोली कि तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता चला कि तू मुझे देख रहा है।
मैं समझ गया था कि मैंने जो रात में देखा था वो मेरा सपना नहीं बल्कि हकीकत थी। मैं बहुत डर गया और वहाँ से भाग गया।
अगले ही दिन मैंने मेरे मामाजी से बोला कि मुझे मेरे घर छोड़ दो।
मुझे नहीं पता कि वो महिला (चुड़ैल) कौन थी? और वो मुझे क्यूँ दिखी? वो मुझसे क्या चाहती थी?
मुझे नहीं पता उस गाँव की महिला के साथ उसने क्या किया? पर अब भी मैं उस रात के बारे में सोचता हुँ तो डर जाता हूँ।
So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “चुड़ैल की कहानी (Chudail ki Kahani) Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग www.HorrorStoryHindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube Channel “Creepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।
धन्यवाद!