दादी की खौफनाक कोठरी (Dadi Ki Khofnak Kothari) Horror Story: यह बात तब की है जब मैं बड़ा हो रहा था। मेरी दादी उसी बिल्डिंग में रहती थी जहाँ मैं और मेरा परिवार रहता था। वो हमारे घर के ऊपर वाली मंजिल में रहती थी। यह एक पुरानी बिल्डिंग थी, जिसमें कुल 12 अपार्टमेंट थे। वे मकान नंबर 2874 में रहती थी और हम 2868 में रहते थे। मेरे जन्म होने के पहले से ही दादी माँ अकेली रहती थीं।
उनके सोने वाले वाले कमरे की तरफ जाने वाले हॉलवे (Hallway) में एक अलमारी (कोठरी) थी, जिसमें हर महीने एक अजीब सी घटना होती थी।
महीने में एक बार मेरी दादी मेरी माँ को ऊपर बुलाकर उनकी अलमारी को चेक करने के लिए कहती थी। उन्होंने बताया था कि पिछली रात को उनकी अलमारी में से बहुत ज्यादा शोर आ रहा था।
एक बार मेरी माँ काम कर रही थी तो उन्होंने मुझे उनकी जगह पर दादी की मदद करने के लिए भेजा।
मुझे नहीं पता था कि यह मेरे जीवन को परेशान करने और मेरे जीवन को अस्त-व्यस्त करने वाले अनुभवों की एक शुरुआत होगी।
जैसे ही मैंने दादी के कमरे में प्रवेश किया और मैं अलमारी की ओर बढ़ा तो मैं वहाँ का हाल देखकर दंग रह गया। ऐसा लग रहा था कि मानो किसी ने पूरी अलमारी को अस्त-व्यस्त कर दिया हो। उनके सारे कपड़े, बक्से खुले हुवे और समान अलमारी से नीचे बिखरे पड़े थे।
ऐसा लग रहा था कि मानो दादी के कमरे में कोई तूफान आया हो जो पूरी बिल्डिंग को छोड़कर केवल उनके ही कमरे में आया हो।
मैंने दादी से पूछा की यह कब से हो रहा है तो उन्होंने बताया कि ऐसा पिछले 20 सालो से हो रहा है। मैंने उस समय इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मैं अलमारी को साफ सुथरा करके चला गया।
इसके 2 साल बाद मेरे माँ का अचानक निधन हो गया। तो मेरी दादी माँ ने हमारा साथ देने और हमें हिम्मत देने के लिए हमारे साथ रहने का फैसला किया ताकि इससे पैसे भी बच जाये और हम सब साथ भी रह सके।
इसके कुछ समय पहले ही दादी ने पैसे बचाने और सहायता पाने के लिए हमारे साथ रहने का फैसला किया। उस समय मेरे पापा ने मुझसे कहा कि तुम दादी के बैडरूम से कुछ जरुरी डाक्यूमेंट्स ले आओ जो मैं वहाँ रख दिया था।
तब मैं उदास मन से दादी के कमरे में जाने लगा, पर मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हो रहा था।
जब मैं उस अलमारी के पास से गुजर रहा था तो मुझे जोर-जोर से किसी के अलमारी को पीटने की आवाज आ रही थी। लगा जैसे कोई उस अलमारी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा हो।
इन सबको नजर अंदाज करते हुवे मैं आगे बैडरूम की ओर बढ़ा।
लेकिन जैसे ही मैं अन्दर कमरे में गया तो दरवाजा अचानक से बंद हो गया, जिससे मैं अंदर फँस गया।
मैंने घबराहट के साथ दरवाजे को खोलने की कोशिश की तो पाया कि दरवाजा तो दूसरी तरफ से बंद था।
लेकिन मेरा भाग्य अच्छा था तो मैंने थोड़ी कोशिश करके दरवाजा खोल दिया और मैं जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी उस अपार्टमेंट से बाहर भागा।
जैसे ही मैं उस अलमारी के पास से गुजरा तो मैंने देखा कि वो अलमारी में से जोर-जोर से पीटने की आवाज आ रही थी और वो आवाज इस बार काफी तेज थी, जिससे वो पूरी अलमारी हिलने लगी थी और ऐसा लगने लगा था जैसे वो अलमारी बस फटने ही वाली है।
मैं पूरी तरह डर गया था और जैसे तैसे करके मैं अपने कमरे में पहुँचा। मैंने अपने पापा को दादी माँ के अपार्टमेंट की चाबियाँ दी और उनसे चिल्लाकर कहा कि “आप ही जाकर वो काम कर लो, मैं नहीं जाने वाला।”
उस अलमारी में आज जो भी हुआ था उससे मैं इतना डर गया था कि अब मैं और वहाँ जाना क्या उसके बारे में सोचने से भी डरने लगा था।
उस दिन के बाद से हमने कभी भी उस घटना का जिक्र नहीं किया और उस दिन के बाद से दादी के कमरे में से जो भी लाना हो वो सारा काम पापा ने ही किया।
हम अपने जीवन में आगे बढ़ने लगे और हमारे सामने आये परेशान करने वाले अनुभवों को भूलने की कोशिश करने लगे।
आज तक, मुझे अभी भी आश्चर्य होता है कि दादी की अलमारी में उन घटनाओं का कारण क्या था या फिर वहाँ इससे भी अधिक भयानक हो सकता था।
So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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