हॉस्टल की एक डरावनी रात (Hostel ki ek Darawani Raat) Horror Story: मेरा नाम अजय शर्मा है। यह बात उस समय की है जब मैं B. B. A. 1st year में था। उस समय मैं, मेरे कॉलेज के पास ही के एक हॉस्टल में रह रहा था। मुझे प्रतिलिपि पर हॉरर कहानिया पढ़ना पसंद था। मैं रोज़ कोई ना कोई हॉरर स्टोरी पढ़ता ही था तभी मुझे नींद आती थी।
ऐसे ही एक दिन में रात को प्रतिलिपि पर एक चुड़ैल की हॉरर स्टोरी पढ़ रहा था। कहानी पढ़ते – पढ़ते मुझे कब नींद आ गयी और रात के तकरीबन दो बजे मेरी नींद खुली। मैंने अपने कमरे की खिड़की खोली और बाहर का नजारा देखने लगा। आज बाहर काफ़ी तेज हवा चल रही थी। साथ ही में, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मेरे हॉस्टल के आसपास काफ़ी पेड़ पौधे है।
मेरे हॉस्टल के आसपास कम ही लोग रहते थे। हॉस्टल के पीछे की ओर एक घना जंगल था। मेरे रूम की खिड़की जंगल की ओर थी।
मैं अपने पलंग पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। थोड़ी देर बाद मेरी आँख लग गयी।
मेरी नींद एक खट-खट की आवाज से खुली। उस समय मैं अपनी खिड़की पर पर्दा लगाना भूल गया था। बाहर एक हाथ दिख रहा था जो लगातार मेरी खिड़की के शीशे पर नॉक कर रहा था। यह देखकर तो मेरी हालत ही खराब हो गई, क्यूँकि मेरा रूम तीसरे फ्लोर पर था।
मैंने देखा कि बाहर जो कोई भी था, अब वो तेजी से खिड़की खटखटा रहा था।
धीरे-धीरे वो दो हाथों से खिड़की को खटखटाने लगा।
धीरे धीरे वो मेरे सामने आने लगा।
मेरी तो डर से हालत ही खराब हो गयी थी। मेरे मुँह से न तो आवाज निकल रही थी और न ही मैं हिल पा रहा था।
मैंने देखा कि एक झुर्रीदार चेहरे वाली औरत मेरी खिड़की के काँच से चिपकी है और लगातार मुझे ही देखे जा रही है। वो औरत मेरी खिड़की को खोलना चाहती थी, पर खिड़की अंदर से बंद थी।
अब वो औरत खिड़की को जोर-जोर से पीटने लगी और काफ़ी गुस्से से मुझे देखने लगी।
मैं समझ गया कि आज ये मुझे नहीं छोड़ेगी। फिर वो औरत शांत हो गयी और मुझे इशारों ही इशारों में इस खिड़की को खोलने के लिए कहने लगी।
पर मेरी हालत तो ऐसी थी कि मानो मुझे काटो तो खून नहीं।
एकदम वो औरत वहाँ से कही गायब हो गयी।
मेरा दिल अभी भी तेजी से धड़क रहा था। तभी मेरी खिड़की पर तेजी से नॉक हुई, वो औरत फिर से आ गयी थी। पर मैंने अपनी हिम्मत जुटाई और तेजी से खिड़की के पर्दे को बंद कर दिया।
मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा, शोर सुनकर मेरे दोस्त और हॉस्टल का रखवाला वहाँ पर आया।
सभी मेरी हालत देखकर हैरान थे कि आखिर इसे क्या हो गया है? मैंने सबको उस औरत की बात बतायी। तभी मेरे एक दोस्त ने खिड़की का पर्दा खोला, पर बाहर कोई नहीं था। सभी को लगा कि मैंने कोई सपना देखा है, पर हकीकत कुछ और थी।
मेरा चौकीदार रात को मेरे साथ ही सोया था, क्यूँकि अब अकेले में, मैं सो नहीं सकता था।
उस हॉस्टल के रखवाले ने मुझसे कहा कि भैयाजी आपने उसकी आँखो में तो नहीं देखा ना।
मैंने कहा किसकी आँखों में?
उसी चुड़ैल की आँखो में। उसने कहा।
पर तुम को कैसे पता और उसकी आँखों में देखने से क्या होता। मैंने पूछा।
भैयाजी अगर आप उसकी आँखों में देख लेते तो अब तक आप को वो चुड़ैल अपने साथ ले गयी होती। जो भी इस कमरे में रहता है, उसके साथ ऐसा ही होता है। इस हॉस्टल से एक दो बच्चे गायब भी हो गये जिनका कोई पता नहीं चला। उन्हें वो चुड़ैल अपने साथ ले गयी और उन्हें खा गयी।
यह सुनकर मेरा कलेजा मेरे मुह में आ गया।
खेर, कल मैं आपको एक नया कमरा दे दूँगा। रखवाले ने कहा।
अगले दिन मैंने अपना हॉस्टल ही बदल लिया।
अब मैं एक ऐसे इलाके में रहता हूं, जहाँ पर आसपास कोई जंगल नहीं है।
So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “हॉस्टल की एक डरावनी रात (Hostel ki ek Darawani Raat) Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग www.HorrorStoryHindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube Channel “Creepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।
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