दोस्त या भूत (Dost ya Bhoot)
Read Time: 3 minutes यह बात उस समय की है, जब मैं अपने गांव जा रहा था। मेरा गाँव पहाड़ों के बीच में बसा है, घनी आबादी से अलग-थलग। मेरे गाँव में एक कच्ची सड़क है, जिस पर केवल एक बस चलती है जो गाँव से बाहर तक ले जाती है और लाती है। मैं अपनी नानी के घर गया हुआ था और वही से ही लौट कर आ रहा था। रात का समय था। बस ने मुझे गाँव के बाहर उतारा था..[…]